Gold Price: लगातार चौथे दिन गिरा सोना, बीते चार दिन में 5,000 रुपये सस्ता हुआ गोल्ड, जानें क्यों गिर रहा है भाव
Gold Price: लगातार चौथे दिन गिरा सोना, बीते चार दिन में 5,000 रुपये सस्ता हुआ गोल्ड, जानें क्यों गिर रहा है भाव
सोने की कीमत लगातार चौथे दिन गिरने के कई कारण हो सकते हैं
Most aap
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में उतार-चढ़ाव: वैश्विक आर्थिक घटनाओं, जैसे कि अमेरिकी डॉलर की मजबूती, ब्याज दरों में वृद्धि और शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव, का सोने की कीमतों पर प्रभाव पड़ता है।
ब्याज दरों में बढ़ोतरी: अगर केंद्रीय बैंक ब्याज दरों को बढ़ाते हैं, तो निवेशक सुरक्षित संपत्तियों की ओर रुख कर सकते हैं, जिससे सोने की मांग में कमी आ सकती है।
डॉलर की मजबूती: सोना अंतर्राष्ट्रीय बाजार में डॉलर में व्यापार होता है। अगर डॉलर की कीमत बढ़ती है, तो सोना महंगा हो जाता है, जिससे उसकी मांग कम हो जाती है।
मांग और आपूर्ति
त्योहारी सीजन के बाद सोने की मांग में कमी और बाजार में सोने की अधिक आपूर्ति भी कीमतों में गिरावट का कारण हो सकती है।
इन कारणों के चलते सोने की कीमत में गिरावट आ सकती है।
फिर से बढ़ेगा सोना?
सोने की कीमत फिर से बढ़ सकती है, लेकिन इसके लिए कई कारक जिम्मेदार होंगे:
आर्थिक अनिश्चितता:
जब आर्थिक अनिश्चितता या वैश्विक संकट होता है, तो निवेशक सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की ओर रुख करते हैं, जिससे उसकी मांग और कीमत बढ़ सकती है।
मुद्रास्फीति
उच्च मुद्रास्फीति के दौरान सोना एक अच्छा हेज माना जाता है। अगर मुद्रास्फीति बढ़ती है, तो सोने की कीमत भी बढ़ सकती है।
डॉलर में कमजोरी:
अगर अमेरिकी डॉलर कमजोर होता है, तो सोने की कीमत बढ़ने की संभावना होती है क्योंकि अन्य मुद्राओं में सोना सस्ता हो जाता है।
: अगर केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में कमी करते हैं, तो निवेशक अधिक रिटर्न के लिए सोने में निवेश कर सकते हैं, जिससे उसकी कीमत बढ़ सकती है।
भौगोलिक और राजनीतिक तनाव: किसी भी प्रकार का भौगोलिक या राजनीतिक तनाव, जैसे युद्ध या व्यापार विवाद, सोने की मांग बढ़ा सकता है।
इन कारकों पर नजर रखते हुए, सोने की कीमत में भविष्य में वृद्धि की संभावना होती है। हालांकि, यह बाजार की स्थितियों पर निर्भर करेगा और निश्चित रूप से कुछ भी कहना मुश्किल है।
सोने में निवेश कैसे?
सोने में निवेश के कई तरीके हैं, जो आपके निवेश के उद्देश्यों और जोखिम सहने की क्षमता पर निर्भर करते हैं। यहाँ कुछ प्रमुख तरीके दिए गए हैं:
फिजिकल गोल्ड:
गोल्ड ज्वैलरी: हालांकि यह सबसे पारंपरिक तरीका है, इसमें मेकिंग चार्ज और वेस्टेज शामिल होते हैं, जो आपके निवेश की लागत बढ़ा सकते हैं।
गोल्ड कॉइन और बार: यह सोने में निवेश का एक शुद्ध रूप है। इनकी शुद्धता और वजन की पुष्टि की जा सकती है।
गोल्ड ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड):
ये म्यूचुअल फंड की तरह होते हैं जो सोने में निवेश करते हैं। आप इन्हें शेयर बाजार में खरीद और बेच सकते हैं।
यह फिजिकल गोल्ड से अधिक सुविधाजनक और सुरक्षित है क्योंकि आपको भंडारण की चिंता नहीं करनी होती।
गोल्ड म्यूचुअल फंड्स:
ये फंड्स सोने की कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं या गोल्ड ईटीएफ में निवेश करते हैं।
यह एक आसान तरीका है जिससे आप सोने में निवेश कर सकते हैं बिना फिजिकल गोल्ड को संभालने की चिंता के।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स:
ये भारत सरकार द्वारा जारी किए जाते हैं और ब्याज के साथ-साथ सोने की कीमत में वृद्धि का लाभ भी देते हैं।
यह एक सुरक्षित और फायदेमंद विकल्प है क्योंकि इसमें कर लाभ भी मिलता है।
डिजिटल गोल्ड:
कई फिनटेक प्लेटफॉर्म्स (जैसे कि Paytm, PhonePe) डिजिटल गोल्ड की खरीद और बिक्री की सुविधा प्रदान करते हैं।
इसमें आप छोटे निवेश भी कर सकते हैं और यह सुरक्षित रहता है।
गोल्ड फ्यूचर्स और ऑप्शंस:
ये सोने में निवेश के अधिक जोखिमपूर्ण और तकनीकी तरीके हैं, जो कमोडिटी एक्सचेंजों पर ट्रेड किए जाते हैं।
इनका उपयोग अधिकतर पेशेवर निवेशक और ट्रेडर्स करते हैं।
प्रत्येक निवेश विकल्प के अपने फायदे और नुकसान हैं। निवेश करने से पहले अपने वित्तीय लक्ष्यों, जोखिम सहने की क्षमता, और निवेश की समय सीमा को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेना महत्वपूर्ण है। किसी भी प्रकार का निवेश करने से पहले वित्तीय सलाहकार से परामर्श करना भी एक अच्छा विचार हो सकता है।
वर्षीला लाखोंची कमाई तरी पन 1 रु आयकर नाही
अब Google के साथ घर बैठे कमाइए ₹50,000 महीना बस Smartphone की होगी जरूरत -
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